Kahin Dekh Akeli Naar Khet Ke Paar

Rajendra Krishan

कहीं देख अकेली नार
खेत के पर कोई ना अइयो
कहीं देख अकेली नार
खेत के पर कोई ना अइयो
मेरे नैन मुसाफिर
मार बच के रहियो
मेरे नैन मुसाफिर
मार बच के रहियो
जी बच के रहियो
कहीं देख अकेली नार
खेत के पर कोई ना अइयो

देख रूप की धूप रास्ता
भूल ना जाना रही
देख रूप की धूप रास्ता
भूल ना जाना रही
खिले फूल को सोच साँझ
कर हाथ लगाना रही
मैं हू फुलो की रखवार
मैं हू फुलो की रखवार
खेत के पर कोई ना अइयो
कहीं देख अकेली नार
खेत के पर कोई ना अइयो

खुली हवा मे सरार सरार
जब मेरा दुपट्टा झूमे
खुली हवा मे सरार सरार
जब मेरा दुपट्टा झूमे
छ्चोड़ के धरती हौले हौले
नीले गगन को चूमे
उड़े जब जुल्फे घूंघर दर
उड़े जब जुल्फे घूंघर दर
खेत के पर कोई ना अइयो
कहीं देख अकेली नार
खेत के पर कोई ना अइयो

हिरनी बनकर खेत खेत मे
अपनी धुन मे डोलू
हिरनी बनकर खेत खेत मे
अपनी धुन मे डोलू
मेरा अडूसरा नाम जवानी
बोल अनोखे बोलू

Curiosidades sobre la música Kahin Dekh Akeli Naar Khet Ke Paar del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Kahin Dekh Akeli Naar Khet Ke Paar” de Lata Mangeshkar?
La canción “Kahin Dekh Akeli Naar Khet Ke Paar” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Rajendra Krishan.

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