Kabhi Humne Nahin Socha Tha Sanam

Hasrat Jaipuri

कभी हमने नहीं सोचा था सनम
कभी हमने नहीं सोचा था सनम
की तेरे बिन भी जीना पड़ेगा हमें
तेरे बिन भी जीना पड़ेगा हमें
वो दामन जो भरा करते थे फूलो से
उस्से कांटो से सीना पड़ेगा हमें
कभी हमने नहीं सोचा था सनम

हम जिस चमन को सजाते रहे
हम सजाते रहे
उसी में हमें जख्म खाने पड़े
खाने पड़े
और अब फ़िजा को गले से लगा के
बहारो के मातम मनाने पड़े
मनाने पड़े
ख़बर क्या थी खुशी के जाम के बदले
ज़हर गम पीना पड़ेगा हमको
कभी हमने नहीं सोचा था सनम

हमें छोड़ कर दूँ जहां में अकेले
जहां में अकेले
बताओ सनम क्यूँ जुदा हो गये
जुदा जो गये
मोहब्बत की कसमे, मोहब्बत की रस्मे
वो वादे मोहब्बत के क्या हो गये
क्या हो गये
सनम तुझसे जुदा होकर जियेंगे अगर
तो मर मर के जीना पड़ेगा हमें
कभी हमने नहीं सोचा था सनम
की तेरे बिन भी जीना पड़ेगा हमें
खुद वो दामन जो भरा करते थे फूलो से
उसे कांटो से सीना पड़ेगा हमे
कभी हमने नहीं सोचा था सनम

Curiosidades sobre la música Kabhi Humne Nahin Socha Tha Sanam del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Kabhi Humne Nahin Socha Tha Sanam” de Lata Mangeshkar?
La canción “Kabhi Humne Nahin Socha Tha Sanam” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Hasrat Jaipuri.

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