Jai Bholenath Jai Ho Prabhu

MAJROOH SULTANPURI, NAGRATH RAJESH ROSHAN

आ आ आ आ आ

जय भोलेनाथ जय हो प्रभु
सबसे जगत में ऊँचा है तू

जय भोलेनाथ जय हो प्रभु
सबसे जगत में ऊँचा है तू

इस दर से छोटा बड़ा कोई न खाली गया
पर खाली है आँचल मेरा
जय भोलेनाथ जय हो प्रभु

ल इ ल इ ला ला ला
हाँ हाँ हाँ हाँ

हर दाग धुलता है यहाँ
धुलता है यहाँ
हर भाग्य खुलता है यहाँ
खुलता है यहाँ
अरे मै भी उसी दर पे
आया बनती सबकी बिगड़ी जहा

धूंघा जमीं आसमान
मेरा तोह सब कुछ यहाँ
अब्ब मैं और जो कहा

जय भोलेनाथ जय हो प्रभु
सबसे जगत में ऊँचा है तू

अब्ब आस दो मालिक तुम्हीं
हो मालिक तुम्हीं
कहीं चैन मुझे मिलता नहीं है मिलता नहीं
अरे दिन के उजाले में खोया मेरे दिल का टुकड़ा कहीं

मुझपे भी तेरी हो छाँव न मुल्क चाहू ना गाँव
दे दे मेरे बच्चे को पांव

जय भोलेनाथ जय हो प्रभु (जय भोलेनाथ जय हो प्रभु)
सबसे जगत में ऊँचा है तू (सबसे जगत में ऊँचा है तू)

जय भोलेनाथ जय हो प्रभु

Curiosidades sobre la música Jai Bholenath Jai Ho Prabhu del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Jai Bholenath Jai Ho Prabhu” de Lata Mangeshkar?
La canción “Jai Bholenath Jai Ho Prabhu” de Lata Mangeshkar fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, NAGRATH RAJESH ROSHAN.

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