Jag Kahta Hai Main Hoon Andhi
जग कहता है मैं हू अंधी
मैं कहती अँधा जग सारा
मैने ज्योत जगा ली मन की
खोकर आँखो का उजियारा
दिनिया ना देखु मैं
देखु तोहे दिन राती
मैं देखु तोहे दिन राती
ओ मेरे तन मन ओ मेरे जीवन
ओ मेरे साथी
देखु तोहे दिन राती
मैं देखु तोहे दिन राती
आँखो वाले अंधे हैं वो
जो खुद को पहचान ना पाए
आँखो वाले अंधे हैं वो
जो खुद को पहचान ना पाए
मैं तुमको पहचान गयी रे
मैं तुमको पहचान गयी रे
जगा प्रीत की बाती
मैं देखु तोहे दिन राती
मैं देखु तोहे दिन राती
अपने अपने रंग मे दुनिया
अपना अपना राग सुनाए
अपने अपने रंग मे दुनिया
अपना अपना राग सुनाए
अपनी लगन का ले एक तारा
अपनी लगन का ले एक तारा
तेरे गीत नित्य गाती
मैं देखु तोहे दिन राती
मैं देखु तोहे दिन राती
मैं देखु तोहे दिन राती