Jab Dil Mein Tere Dard Ho

Ishwar Chandra Kapoor

जब दिल में तेरे दर्द हो और रंग तेरा जर्द हो
जब दिल में तेरे दर्द और रंग तेरा जर्द हो
रातो को तू न सो सके जो चाहे वो न हो सके
रातो को तू न सो सके जो चाहे वो न हो सके
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया

जब झूम कर आये घटा और दिल से तेरे निकली आह
जब झूम कर आये घटा और दिल से तेरे निकली आह
सावन की काली रात हो और आँखों में बरसात हो
सावन की काली रात हो और आँखों में बरसात हो
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया

जब ढूँढ़ती हो कुछ नज़र कोई पेष न जाये मगर
जब ढूँढ़ती हो कुछ नज़र कोई पेष न जाये मगर
तो सिसकियाँ भरता रहे जिससे मिले शिकवे करे
तो सिसकियाँ भरता रहे जिससे मिले शिकवे करे
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया
फिर मान लो दिल खो गया
फिर जान लो कुछ हो गया
कुछ हो गया दिल खो गया

Curiosidades sobre la música Jab Dil Mein Tere Dard Ho del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Jab Dil Mein Tere Dard Ho” de Lata Mangeshkar?
La canción “Jab Dil Mein Tere Dard Ho” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Ishwar Chandra Kapoor.

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