Jab Bhi Jee Chahe

LAXMIKANT PYARELAL, LUDHIANVI SAHIR, SAHIR LUDHIANVI

जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग

याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन
याद रहता है किसे
सर्द पड़ जाती है चाहत हार जाती है लगन
अब मुहब्बत भी है क्या एक तिजारत के सिवा
हम ही नादाँ थे जो ओढ़ा बीती यादों का कफ़न
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
वरना जीने के लिए सबकुछ भुला लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग

जाने वो क्या लोग थे जिनको वफ़ा का पास था
जाने वो क्या लोग थे
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये अहसास था
अब हैं पत्थर के सनम जिनको अहसास ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ जो पहले दिल को रास था
अब तो मतलब के लिए नाम ए वफ़ा लेते हैं लोग
अब तो मतलब के लिए नाम ए वफ़ा लेते हैं लोग
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग

Curiosidades sobre la música Jab Bhi Jee Chahe del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Jab Bhi Jee Chahe” de Lata Mangeshkar?
La canción “Jab Bhi Jee Chahe” de Lata Mangeshkar fue compuesta por LAXMIKANT PYARELAL, LUDHIANVI SAHIR, SAHIR LUDHIANVI.

Músicas más populares de Lata Mangeshkar

Otros artistas de Film score