Humen Duniya Ko Dil Ke
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
तड़प लेते हैं लेकिन
उनको तड़पाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
घड़ी भर के लिए भी
डोर उनसे रह नहीं सकते
तुम्हें हम चाहते हैं
उनसे ये भी कह नहीं सकते
ना जाने क्यूँ ज़ुबान पर
दिल का अफ़साना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
कोई हालत हो दुनिया
प्यार की आबाद रहती है
कभी जब वो नहीं होते
तो उनकी याद रहती है
मोहब्बत वो काली है
जिसको मुरझाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
उमंगें जाग उत्ति हैं
तमन्ना मुस्कराई है
हमारे दिल ने अरमानों
की इक महफ़िल सजाई है
ये वो महफ़िल है जिसमें
कोई बेगाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता
तड़प लेते हैं लेकिन उनको
तड़पाना नहीं आता
हमें दुनिया को दिल के
ज़ख़्म दिखलाना नहीं आता