Gori Tere Sapnon Ke Sajna Aaye

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

गोरी तेरे सपनों के सजना आए तेरे अंगना
कर ले सोलह सिंगार
हो जा जाने को अब तैयार
लेके डोली खड़े हैं कहा

गोरी तेरे सपनों के सजना आए तेरे अंगना
कर ले सोलह सिंगार
हो जा जाने को अब तैयार
हो लेके डोली खड़े हैं कहा

कल से बालम के रंग रंग जाएगी तू

उनके मन के महल को सजाएगी तू
को सजाएगी तू

बीते जो दिन भूल जाना सखी

हो बीते जो दिन भूल जाना सखी

भूल जाना वो बचपन का प्यार

लेके डोली खड़े हैं कहा

गोरी तेरे सपनों के सजना आए तेरे अंगना
कर ले सोलह सिंगार
हो जा जाने को अब तैयार
हो लेके डोली खड़े हैं कहा

गोरी काहे को अब तेरे नैना भरे

एक दिन तो सभी को बिछड़ना पड़े
को बिछड़ना पड़े

नैहर में रहना है दिन चार का

हो नैहर में रहना है दिन चार का

सब ओ जाना है साजन के द्वार

लेके डोली खड़े हैं कहा
गोरी तेरे सपनों के सजना आए तेरे अंगना
कर ले सोलह सिंगार
हो जा जाने को अब तैयार
लेके डोली खड़े हैं कहा

Curiosidades sobre la música Gori Tere Sapnon Ke Sajna Aaye del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Gori Tere Sapnon Ke Sajna Aaye” de Lata Mangeshkar?
La canción “Gori Tere Sapnon Ke Sajna Aaye” de Lata Mangeshkar fue compuesta por SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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