Falak Milega Tujhe
फलक मिलेगा तुझे क्या हमें मिटाने से
ये मोहब्बत न मिटेगी कभी ज़माने से
फलक मिलेगा तुझे क्या हमें मिटाने से
ये मोहब्बत न मिटेगी कभी ज़माने से
उठा के रंज ये दिल चूर हो गया इतना
उठा के रंज ये दिल चूर हो गया इतना
के ठेस लगती है हाय के ठेस लगती है
कलियों के मुस्कुराने से
ये मोहब्बत न मिटेगी कभी ज़माने से
जियें तो किस के लिए तुम्ही जब नहीं अपने
तुम ही जब नहीं अपने
जियें तो किस के लिए तुम्ही जब नहीं अपने
तुम ही जब नहीं अपने के जी रहे थे हाय
के जी रहे थे अभी तक इसी बहाने से
ये मोहब्बत न मिटेगी कभी ज़माने से
जहां ने कह दिया बादल है आसमानों के
जहां ने कह दिया बादल है आसमानों के
धुंआ उठा है ये है धुंआ उठा है ये
मेरे ही आशियाने से
ये मोहब्बत न मिटेगी कभी ज़माने से
फलक मिलेगा तुझे क्या