Dua De Kar Chale Jaanye

Naqsh Layalpuri

ये महफ़िल का तक़ाज़ा है
ये महफ़िल का तक़ाज़ा है
इजाज़त हो तो हम गाए
ना चाहो तुम तो चुपके से
दुआ देकर चले जाए
ना चाहो तुम तो चुपके से
दुआ देकर चले जाए

कही ऐसा नही होता
कोई ऐसा नही करता
किसी मेहमान को ऐसे
कोई रुसवा नही करता
बहुत मुश्किल है समझाना
किसी को कैसे समझाए
बहुत मुश्किल है समझाना
किसी को कैसे समझाए
ना चाहो तुम तो चुपके से
दुआ देकर चले जाए

तुम्हारा नाम लेते है
मेरे सीने की हर धड़कन
किसे मालूम था तुम ही
झटक दोगे मेरा दामन
कहा जाए किसे जाकर
ये दिल का जख्म दिखलाए
कहा जाए किसे जाकर
ये दिल का जख्म दिखलाए
ना चाहो तुम तो चुपके से
दुआ देकर चले जाए

जो रिश्ता कर लिया कायम
वो रिश्ता हम निभाएँगे
नज़र से दूर रहकर भी
हमेशा तुमको चाहेंगे
हमारा क्या तुम्हारे दिल की
सब उम्मीद भर आए
हमारा क्या तुम्हारे दिल की
सब उम्मीद भर आए
ये महफ़िल का तक़ाज़ा है
इजाज़त हो तो हम गाए
ना चाहो तुम तो चुपके से
दुआ देकर चले जाए
दुआ देकर चले जाए
दुआ देकर चले

Curiosidades sobre la música Dua De Kar Chale Jaanye del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Dua De Kar Chale Jaanye” de Lata Mangeshkar?
La canción “Dua De Kar Chale Jaanye” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Naqsh Layalpuri.

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