Dekha Ek Khwab [Silsila]

JAVED AKHTAR, SHIV HARI, Shiv Hari, Akhtar Javed

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए

फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए

प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए

फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए

Curiosidades sobre la música Dekha Ek Khwab [Silsila] del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Dekha Ek Khwab [Silsila]” de Lata Mangeshkar?
La canción “Dekha Ek Khwab [Silsila]” de Lata Mangeshkar fue compuesta por JAVED AKHTAR, SHIV HARI, Shiv Hari, Akhtar Javed.

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