Dekh Sakta Hoon Main Kuchh Bhi Hote

Anand Bakshi

देखा फूलों को काँटों पे सोते हुए
देखा तूफान को कश्ती डुबोते हुए
देख सकता हूँ मैं, कुछ भी होते हुए
नहीं मै नहीं देख सकता, तुझे रोते हुए
नहीं मै नहीं देख सकता, तुझे रोते हुए
देख सकता हूँ मैं, कुछ भी होते हुए
देख सकता हूँ मैं, कुछ भी होते हुए
नहीं मै नहीं देख सकता, तुझे रोते हुए
नहीं मै नहीं देख सकता, तुझे ए ए, रोते हुए

एक दिन बिगड़ी किस्मत संवर जाएगी
एक दिन बिगड़ी किस्मत संवर जाएगी
ये खुशी हम से बच कर, किधर जाएगी
गम ना कर, जिंदगी यूँ गुजर जाएगी
रात जैसे गुजर गई सोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता, तुझे ए ए, रोते हुए

तू भी सुन ले जो मैने सुना एक दिन
तू भी सुन ले जो मैने सुना एक दिन
बाग में सैर को मैं गया एक दिन
एक मालन ने मुझसे कहा एक दिन
खेल काँटों से कलियाँ पिरोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे ए ए, रोते हुए

आँख भर आई फिर क्यों किसी बात पर
आँख भर आई फिर क्यों किसी बात पर
कर भरोसा बहन भाई की जा़त पर
बांध रो कर ना राखी मेरे हाथ पर
मुस्करा दे ज़रा यूँ ही रोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए
देख सकता हूँ मैं कुछ भी होते हुए
देख सकता हूँ मैं कुछ भी होते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए
नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे ए ए, रोते हुए

Curiosidades sobre la música Dekh Sakta Hoon Main Kuchh Bhi Hote del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Dekh Sakta Hoon Main Kuchh Bhi Hote” de Lata Mangeshkar?
La canción “Dekh Sakta Hoon Main Kuchh Bhi Hote” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Anand Bakshi.

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