Dard Ka Saaz Bhi Hain

N Dutta, Sahir Ludhianvi

दर्द का साज़ भी है दिल की आवाज़ भी है
दर्द का साज़ भी है दिल की आवाज़ भी है
छेड़ वो राग के जो आग लगा दे
दर्द का साज़ भी है

बहुत सर्द है जिंदगी की फ़िज़ाए
बहुत सर्द है जिंदगी की फ़िज़ाए
बहुत तेज है आज जालिम हवाये
कही रास्तो के दीये बुझ न जाये
कही रास्तो के दीये बुझ न जाये
मेरी मंज़िल से जरा मुझको सदा दे
मेरी मंज़िल से जरा मुझको सदा दे
दर्द का साज़ भी है दिल की आवाज़ भी है
छेड़ वो राग के जो आग लगा दे
दर्द का साज़ भी है

कई ख्वाब जागे कई सो गए है
कई ख्वाब जागे कई सो गए है
न पूछो के हम क्या से क्या हो गए है
उन्हें ढूंढ़ते ढूंढ़ते खो गए है
उन्हें ढूंढ़ते ढूंढ़ते खो गए है
हमको उनसे न सही हमसे मिला दे
हमको उनसे न सही हमसे मिला दे
दर्द का साज़ भी है दिल की आवाज़ भी है
छेड़ वो राग के जो आग लगा दे
दर्द का साज़ भी है

Curiosidades sobre la música Dard Ka Saaz Bhi Hain del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Dard Ka Saaz Bhi Hain” de Lata Mangeshkar?
La canción “Dard Ka Saaz Bhi Hain” de Lata Mangeshkar fue compuesta por N Dutta, Sahir Ludhianvi.

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