Bahaar Aayi Magar Dil Me Phul Na Khil Sake

Khumar Barabankvi

बहार आई मगर दिल में फूल न खिल सके
हम उनको पा के भी अफसोस उनसे मिल ना सके
लुटा दिल मेरा है आबाद हो कर, आबाद हो कर
हंसी रह गई मेरी फरियाद हो कर, फरियाद हो कर
सिवा मेरे था कौन उनका जहां में, उनका जहां में
सिवा मेरे था कौन उनका जहां में, उनका जहां में
कहा जाएंगे अब वो आजाद होंगे, आजाद होंगे
कहा जाएंगे अब वो आजाद होंगे, आजाद होंगे

उन्हें मैंने इस हाल में आज देखा है
उन्हें मैंने इस हाल में आज देखा है
निगाहे तडप उठी नासर हो कर, नासर हो कर
निगाहे तडप उठी नासर हो कर, नासर हो कर

जमाने से कह दो कि खुशियां मनाए, खुशियां मनाए
जमाने से कह दो कि खुशियां मनाए, खुशियां मनाए
मोहब्बत तड़पती है बरबाद हो कर, बरबाद हो कर
मोहब्बत तड़पती है बरबाद हो कर, बरबाद हो कर

Curiosidades sobre la música Bahaar Aayi Magar Dil Me Phul Na Khil Sake del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Bahaar Aayi Magar Dil Me Phul Na Khil Sake” de Lata Mangeshkar?
La canción “Bahaar Aayi Magar Dil Me Phul Na Khil Sake” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Khumar Barabankvi.

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