Ae Dard-E-Jigar
आ ले दाग़ जीगर दाग ए दिल ज़माने से
की दर्द और बढ़ेगा इन्हे दिखने से
ए दर्द ए जिगर
फ़र्याद न कर
बहते है तो आंसू बहने दे
ए दर्द ए जिगर
फ़र्याद न कर
बहते है तो आंसू बहने दे
साहिल की तमन्ना करता जा
मंझधार में कश्ती रहने दे
ए दर्द ए जिगर
हमको तो ज़माने से अपना
दुःख दर्द छुपाए रहना है
हमको तो ज़माने से अपना
दुःख दर्द छुपाए रहना है
हो जाये न अपनी रुसवाई
हर ज़ुल्म को हस् कर सहने दे
ए दर्द ए जिगर
फ़र्याद न कर
बहते है तो आंसू बहने दे
ए दर्द ए जिगर
दिल सौप चुके है हम जिन को
अब उनसे शिकवा क्या करना
दिल सौप चुके है हम जिन को
अब उनसे शिकवा क्या करना
जिस हाल में रखना चाहे वो
उस हाल में हम को रहने दे
ए दर्द ए जिगर
फ़र्याद न कर
बहते है तो आंसू बहने दे
साहिल की तमन्ना करता जा
मंझधार में कश्ती रहने दे
ए दर्द ए जिगर