Aankh Khulte Hi Tum Chup Gaye Kaha

Sahir Ludhianvi

आह आ आ आ आ आह आ आ

आँख खुलते ही तुम छुप गए हो कहाँ
आँख खुलते ही तुम छुप गए हो कहाँ
तुम अभी थे यहाँ
तुम अभी थे यहाँ
आँख खुलते ही तुम छुप गए हो कहाँ

अभी साँसों की खुश्बू हवाओं में है
अभी कदमों की आहट फिज़ाओ में है
अभी साँसों की खुश्बू हवाओं में है
अभी कदमों की आहट फिज़ाओ में है
अभी साखो में है उंगलियों के निशा
तुम अभी थे यहाँ तुम अभी थे यहाँ
आँख खुलते ही तुम छुप गए हो कहा

तुम जुदा होके भी मेरी राहों में हो
गर्म अश्को में हो सर्द आहो में हो
तुम जुदा होके भी मेरी राहों में हो
गर्म अश्को में हो सर्द आहो में हो
चांदनी में झलकती है परछाईया
तुम अभी थे यहाँ तुम अभी थे यहाँ
आँख खुलते ही तुम छुप गए हो कहाँ

Curiosidades sobre la música Aankh Khulte Hi Tum Chup Gaye Kaha del Lata Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Aankh Khulte Hi Tum Chup Gaye Kaha” de Lata Mangeshkar?
La canción “Aankh Khulte Hi Tum Chup Gaye Kaha” de Lata Mangeshkar fue compuesta por Sahir Ludhianvi.

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