Aaja Mere Meet Re
आजा मेरे मीत रे सुन के मेरे गीत रे
मन मे तू समाया फिर भी
प्यासी मेरी प्रीत रे प्यासी मेरी प्रीत रे
आजा मेरे मीत रे
देख अकेली मुझे चंचल हवाएँ
तन से लिपट हाए छिड़ छिड़ जाए
तूने ही सिखाई है क्या इनको ऐसी रीत रे
मन मे तू समाया फिर भी
प्यासी मेरी प्रीत रे प्यासी मेरी प्रीत रे
आजा मेरे मीत रे
लाज की मारी मैं तो मुखा से ना बोलूं
भेद जिया के सारे अँखियों से खोलूं
कितनी सलोनी लागे प्यार की ये रीत रे
मन मे तू समाया फिर भी
प्यासी मेरी प्रीत रे प्यासी मेरी प्रीत रे
आजा मेरे मीत रे सुन के मेरे गीत रे
मन मे तू समाया फिर भी
प्यासी मेरी प्रीत रे प्यासी मेरी प्रीत रे
आजा मेरे मीत रे