Aaja Aaja Nadiya Kinare [Bollywood Legendary Singers, Lata Mangeshkar]
आ आ आ आ आ
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
तेरे मन को मन का मीत मिला
तेरे भाग से बढ़कर भाग नहीं
तेरे मन को मन का मीत मिला
तेरे भाग से बढ़कर भाग नहीं
कल तक डर था इन आहों से
कल तक डर था इन आहों से
लग जाये न जग में आग कहीं
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
राजकुमारी जी महाराज घोड़े पे सवार होकर पच्छिम के तरफ जा रहे है
इस शुब अवसर पे राजा बाबू महाशंकर के मंदिर जाया करते थे
ये हमारा पुराना रिवाज है अच्छा
हँस कर ये सुहानी रात कहे
कल शाम के वादे पूरे कर
दिल ने तेरे दुख दर्द सहे
दिल ने तेरे दुख दर्द सहे
तू दिल के इरादे पूरे कर
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
हे महाशंकर आज तेरा ये भक्त तेरी भक्ति के फूल
आखरी बार तेरे चरणों मैं चढाने आया है
लड़ाई जितने मैं मुझे इतनी ख़ुशी न मिलती जितनी हार मानाने मैं मिली है
हे महाशंकर तेरे दया से हे तेरा भक्त सपनांपुर जीत सकता था
कुमार का सर काटकर तेरे चरणों मैं चढ़ा सकता था
पर अपनी बेटी की मांग मैं सिंधुर नहीं देख सकता था
सदा किसीके माँ बाप ज़िंदा नहीं रहते
मगर अगर संतान ज़िंदा रहती है
तो माप बाप हमेशा ज़िंदा रहते है
महाशंकर तेरी जय हो तेरे भक्तो की जय हो
राजा बाबू
बहते आँसू बह जाने दे
कुछ खोकर ही कुछ मिलता है
बहते आँसू बह जाने दे
कुछ खोकर ही कुछ मिलता है
इक फूल कहीं मुरझाता है
इक फूल कहीं पर खिलता है
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
तेरे मन को मन का मीत मिला
तेरे भाग से बढ़कर भाग नहीं
तेरे मन को मन का मीत मिला
तेरे भाग से बढ़कर भाग नहीं
कल तक डर था इन आहों से
कल तक डर था इन आहों से
लग जाये न जग में आग कहीं
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
आजा आजा आजा नदिया किनारे
तारों की छैंया तोहे कब से पुकारे
हे महाशंकर आज तेरा ये भक्त तेरी भक्ति के फूल
आखरी बार तेरे चरणों मैं चढाने आया है
लड़ाई जितने मैं मुझे इतनी ख़ुशी न मिलती जितनी हार मानाने मैं मिली है
हे महाशंकर तेरे दया से हे तेरा भक्त सपनांपुर जीत सकता था
कुमार का सर काटकर तेरे चरणों मैं चढ़ा सकता था
पर अपनी बेटी की मांग मैं सिंधुर नहीं देख सकता था
सदा किसीके माँ बाप ज़िंदा नहीं रहते
मगर अगर संतान ज़िंदा रहती है
तो माप बाप हमेशा ज़िंदा रहते है
महाशंकर तेरी जय हो तेरे भक्तो की जय हो राजा बाबू