Aa Man Se Man Ki Dor
ऊ ऊ ऊ
मॅन से मॅन की
डोर बँधी जब
डोर बँधी तो अमर
प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया
मॅन मे प्रीतम
आन बसे जब
आन बसे तो मॅन
मनन्दिर कह लाया
मॅन मनन्दिर कह लाया
मॅन से मॅन की
डोर बँधी जब
डोर बँधी तो अमर
प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया
फूल ने एक बुलबुल से
पूछा प्यार कहा रहता है
बोलो प्यार कहा रहता है
बुलबुल सीना चिर के बोली
प्यार यहा रहता है
प्यार यहा रहता है
सगेर है सगेर है
नादिया की माननज़िल
प्रेम की माननज़िल
प्रेमी से प्रेम की
डोर बँधी जब
डोर बँधी तो अमर
प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया
नील गगन मे उड़ता पांच्ची
प्यार की बोली बोले
प्यार की बोली बोले
या तू किसी को करले अपना
या तू किसी का होल
या तू किसी का होल
उस दिन ये, उस दिन
ये संसार ना होगा
जब दुनिया मे प्यार ना होगा
मॅन से मॅन की
डोर बँधी जब
डोर बँधी तो
अमर प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया
मॅन मे प्रीतम आ
आन बसे जब
आन बसे तो मॅन
मनन्दिर कह लाया
अमर प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया
अमर प्रेम मुस्काया