Yun Ghoor Ghoor Ke
चोर सिपाही के झगड़े
में होगी किसकी जीत
चोर किसी के मिट यहाँ
ना मोर किसी के मीत
यूँ घूर घूर के
निहारा ना करो
यूँ डोर डोर डोर से
इशारा ना करो
इशारा ना करो
निहारा न करो
ऐसी बाते भूल के
दोबारा ना करो
चारो तरफ पहरा लगा हैं
अफ़सरान का
ये वक़्त हैं मेरे तुम्हारे
इंतहाँ का
हन बहुत कठिन हैं
डगर पनघट की
झटपट भर लाओ
जमुना से मटकी
हन बहुत कठिन हैं
डगर पनघट की
झटपट भर लाओ
जमुना से मटकी
यूँ घूर घूर के
निहारा ना करो
यूँ डोर डोर डोर से
इशारा ना करो
इशारा ना करो
निहारा न करो
ऐसी बाते भूल के
दोबारा ना करो
चारो तरफ पहरा लगा हैं
अफ़सरान का
ये वक़्त हैं मेरे तुम्हारे
इंतहाँ का
हन बहुत कठिन हैं
डगर पनघट की
झटपट भर लाओ
जमुना से मटकी
हन बहुत कठिन हैं
डगर पनघट की
झटपट भर लाओ
जमुना से मटकी
ओ, राजा, आजा, तलाशी दे जा
यहाँ से बच के ना जा पाएगा
लगी पाबंदी, है नाकाबंदी
अगर तू भागा, मारा जाएगा
ओ, राजा, आजा, तलाशी दे जा
यहाँ से बच के ना जा पाएगा
लगी पाबंदी, है नाकाबंदी
अगर तू भागा, मारा जाएगा
पहले थानेदार उतारेगा मर्दों की पतलूनें
वर्दी वालों के डंडों की मार कहाँ देखी तूने
फ़ँस गया, फ़ँस गया, मर गया, मर गया
जान गले में अटकी, अटकी, अटकी, अटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
यूँ घूर, घूर, घूर के निहारा ना करो
यूँ दूर, दूर, दूर से इशारा ना करो
इशारा ना करो, निहारा ना करो
ऐसी ख़ताएँ भूल के दुबारा ना करो
चारों तरफ़ पहरा लगा है अफ़सरान का
ये वक़्त है मेरे, तुम्हारे इम्तेहान का
हाँ, बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
डुन, डुन, डुबा, डुन, डुन, डुबा
डुन, डुन, डुबा, डुन, डुन, डुबा
सभी की लेंगे ये बारी-बारी
ये वर्दी वाले तलाशी लेंगे
हो कुछ मजबूरी, कोई लाचारी
किसी को भी ये नहीं छोड़ेंगे
हाँ, हाँ, लेंगे ये बारी-बारी
ये वर्दी वाले तलाशी लेंगे
हो कुछ मजबूरी, कोई लाचारी
किसी को भी ये नहीं छोड़ेंगे
देख के चेहरा दिल की बातें जान ले इनकी आँखें
इनकी गहरी आँखें सीधे सब के दिलों में झाँके
हर पल, हर क्षण, सबकी गर्दन
है सूली पे लटकी, लटकी, लटकी, लटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
यूँ घूर, घूर, घूर के निहारा ना करो
यूँ दूर, दूर, दूर से इशारा ना करो
इशारा ना करो, निहारा ना करो
ऐसी ख़ताएँ भूल के दुबारा ना करो
चारों तरफ़ पहरा लगा है अफ़सरान का
ये वक़्त है मेरे, तुम्हारे इम्तेहान का
हाँ, बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
हाँ, झट-फट भर लाओ जमुना से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की