Khai Hai Kasam

FAIZ ANWAR, SAJID ALI, WAJID ALI

मिलते मिलते हम दोनों यु हो बैठे दीवाने
मिलते मिलते हम दोनों यु हो बैठे दीवाने
इक दूजे के प्यार में खोये दुनिया से बेगाने
अब क्या हो अन्जाम हमारा ये तो रब ही जाने
खायी है कसम ए हमसफ़र मर जाएँगे तुम्हें
न पा सके हम अगर

ओ खायी है कसम ए हमसफ़र
मर जाएँगे तुम्हें न पा सके हम अगर
हो मिलते मिलते हम दोनों यु हो बैठे दीवाने
इक दूजे के प्यार में खोये दुनिया से बेगाने

कहने लगी ये ज़िन्दगी
सपने बहारों के बून लो
लग कर मेरे सीने से
तुम इस दिल का पैगाम सुन लो
होश खोने लगे दिल में तूफ़ान जगे
आज हमसे तो कुछ न कहो मंज़िलें प्यार की
दे रही हैं सदा बस यु ही साथ चलते रहो

अब क्या हो अन्जाम हमारा ये तो रब ही जाने
खायी है कसम ए हमसफ़र
मर जाएँगे तुम्हें न पा सके हम अगर

है है है ला ला ला
नाज़ुक है दिल कांच सा पत्थर के जैसी हैं रस्में
तुम साथ हो जब तक सनम रस्में हैं सब अपने बस में

इक हो जाएंगे रस्मों को तोड़कर इस जहां से डरेंगे न हम
प्यार के वास्ते जान जाए मगर बेवफाई करेंगे न हम
अब क्या हो अन्जाम हमारा ये तो रब ही जाने
खायी है कसम ए हमसफ़र
मर जाएँगे तुम्हें न पा सके हम अगर

हां खायी है कसम ए हमसफ़र
मर जाएँगे तुम्हें न पा सके हम अगर
मिलते मिलते हम दोनों यु हो बैठे दीवाने
इक दूजे के प्यार में खोये दुनिया से बेगाने
अब क्या हो अन्जाम हमारा ये तो रब ही जाने(अब क्या हो अन्जाम हमारा ये तो रब ही जाने)

Curiosidades sobre la música Khai Hai Kasam del Kumar Sanu

¿Quién compuso la canción “Khai Hai Kasam” de Kumar Sanu?
La canción “Khai Hai Kasam” de Kumar Sanu fue compuesta por FAIZ ANWAR, SAJID ALI, WAJID ALI.

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