Dil Kehta Hai [LO-FI]

Anu Malik, Majrooh Sultanpuri

दिल केहता है चल उनसे मिल
उठते हैं कदम, रुक जाते हैं
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते है

दिल केहता है चल उनसे मिल
उठते हैं कदम, रुक जाते हैं
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते है

हम जब से हैं जुदा, ए मेरे हम नशीं
यूँ देखो तो मेरे दामन में क्या नहीं
दौलत का चाँद है शोहरत की चाँदनी
मगर तुम्हे खोके लगे है मुझे ऐसा
के तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
तुम क्या जानो अब हम कितना
दिल ही दिल में पछताते है
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते है

वो दिन थे क्या हसीं, दोनो थे साथ में
और बाहें आप की थी मेरे हाथ में
तुम ही तुम थे सनम मेरे दिन रात में
पर इतनी बुलंदी पे तुम हो मेरी जान
आए ना दामन अब हाथ में
पाना तुमको मुमकिन ही नहीं
सोचे भी तो हम घबराते है
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते है

दिल केहता है चल उनसे मिल
उठते हैं कदम, रुक जाते हैं
उठते हैं कदम, रुक जाते हैं

उठते हैं कदम, रुक जाते हैं

Curiosidades sobre la música Dil Kehta Hai [LO-FI] del Kumar Sanu

¿Quién compuso la canción “Dil Kehta Hai [LO-FI]” de Kumar Sanu?
La canción “Dil Kehta Hai [LO-FI]” de Kumar Sanu fue compuesta por Anu Malik, Majrooh Sultanpuri.

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