Yeh Sham Mastani [LP Classics]

ANANDSHI BAKSHI, R D Burman

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

दूर रहती हैं तू
मेरे पास आती नहीं
होठों पे तेरे
कभी प्यास आती नहीं
ऐसा लगे जैसे के तू
हँस के जहर कोई पिए जाए

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

बात जब मैं करू
मुझे रोक लेती हैं क्यों
तेरी मीठी नजर
मुझे टोक देती हैं क्यों
तेरी हया, तेरी शर्म
तेरी कसम मेरे होठ सिये जाए

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

एक रूठी हुयी
तकदीर जैसे कोई
खामोश ऐसे हैं तू
तसवीर जैसे कोई
तेरी नजर, बन के जुबान
लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए

ये शाम मस्तानी
मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे
तेरी और लिए जाए

ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए
मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए

Curiosidades sobre la música Yeh Sham Mastani [LP Classics] del Kishore Kumar

¿Quién compuso la canción “Yeh Sham Mastani [LP Classics]” de Kishore Kumar?
La canción “Yeh Sham Mastani [LP Classics]” de Kishore Kumar fue compuesta por ANANDSHI BAKSHI, R D Burman.

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