Rimjhim Gire Sawan [Lofi]
रिम झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन
हाय करे अब क्या जतन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम झिम गिरे सावन