Maine Tumse Kuchh Nahin Manga

Rajkamal, Indu Jain

मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा
मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा
आज दे दो आज दे दो
सौ बरस से जगे इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो दे दो
मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा

घेरती खुशबुए फिर वही आहटे
बार हा चौकना फिर वही करवटे
वो ही बाहों के घेरो में बंधना
वो ही नजरो के साये में तपना
कब तलक डोर खिचेगी मुझको
कब तलक डोर खिचेगी मुझको
छोड़ दो मेरा अभिमान दे दो दे दो
मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा

इन अँधेरों से जूझूँगा कैसे
किस तरह रौशनी इतनी मै झेलू
यादों की भीड़ टकरा रही यूँ
हाथ बांधे हुए चूर हो लूँ
छटपटाते हृदय को दया कर
छटपटाते हृदय को दया कर
साँस लेने का अधीकार दे दो, दे दो
मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा
आज दे दो आज दे दो
सौ बरस से जगे इन नैनो को
नींद का वरदान दे दो दे दो
मैंने तुमसे कुछ नहीं माँगा

Curiosidades sobre la música Maine Tumse Kuchh Nahin Manga del Kishore Kumar

¿Quién compuso la canción “Maine Tumse Kuchh Nahin Manga” de Kishore Kumar?
La canción “Maine Tumse Kuchh Nahin Manga” de Kishore Kumar fue compuesta por Rajkamal, Indu Jain.

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