Kya Rakha Hai Gyan Mein
जल निर्मलम
तन निर्मलम
मन निर्मलम
निर्मलम निर्मलम निर्मला
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
और क्या रखा है ध्यानं में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
और क्या रखा है ध्यानं में
धोलो अपने पाप
सभी गंगा के अश्ननो में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
और क्या रखा है ध्यानं में
धोलो अपने पाप
सभी तुम गंगा के अश्ननो में
हर गंगे अब हट गंगे
बेद भाव न जाने गंगा
क्या बड़े क्या छोटे में
बेद बाव न जाने गंगा
क्या बड़े क्या छोटे में
गंगा जी में आये
लोटा गंगा जाये लोटे में
आनदं अनम जनम में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
धोलो अपने पाप
सभी तुम गंगा के अश्ननो में
हर गंगे हरी हर गंगे
गंगा मैया खुद बहती है
साधु में सन्यासी में
गंगा मैया खुद बहती है
साधु में सन्यासी में
हरिद्वार में डुबकी
मारो निकलो जकर काशी में
शिव शंभू के अस्थानं में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
धोलो अपने पाप
सभी तुम गंगा के अश्ननो में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
और क्या रखा है ध्यानं में
धोलो अपने पाप सभी
तुम गंगा के अश्ननो में
अजी क्या रखा है ज्ञानं में
और क्या रखा है ध्यानं में
धोलो अपने पाप
सभी तुम गंगा के अश्ननो में
हर गंगे हरि हर गंगे (हर गंगे हरि हर गंगे)
हर गंगे हरि हर गंगे (हर गंगे हरि हर गंगे)