Akela Hoon Main Iss Jahan Mein [1]
अकेला हूँ मैं इस जहाँ में
अकेली मेरी दास्ताँ
ना मंज़िल कोई ना साथी कोई
जाने क्या ये नीला आसमान
क्या खबर क्या पता
जा रहा हूँ मैं कहाँ
मेरी रात का एक साथी
यही चाँद का कारवां
चलूं तो चलें
रुकूँ तो रुकें
जाने क्या ये नीला आसमान
क्या खबर क्या पता
जा रहा हूँ मैं कहा
मेरा हमसफ़र मेरा साया
मेरा मेहरबान राज़दान
न इसका कोई न मेरा कोई
जाने क्या ये नीला आसमान
क्या खबर क्या पता
जा रहा हूँ मैं कहाँ
ये दरिया ये मौजें ये साहिल
ये छलकी हुई मस्तियाँ
हैं आती नज़र कुछ कमी सी मगर
जाने क्या ये नीला आसमान
क्या खबर क्या पता
जा रहा हूँ मैं कहाँ
अकेला हूँ मैं इस जहां में
अकेली मेरी दास्ताँ
न मंज़िल कोई ना साथी कोई
जाने क्या ये नीला आसमान
क्या खबर क्या पता
जा रहा हूँ मैं कहाँ
जा रहा हूँ मैं कहाँ