Daulat Shohrat
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
ये महल अटारी नही चईये
ये महल अटारी नही चईये
तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
मेरे सनम मुझे तेरी क़सम
मेरी जन भी तू ईमान भी तू
तेरे दम से है मेरा दम
जान भी तू अंजान भी तू
पैसा बैसा क्या करना मुझे
पैसा बैसा क्या करना
मुझे तेरा नज़ारा काफ़ी है
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
ये महल अटारी नही चईये
ये महल अटारी नही चईये
तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है
प्यार मुहब्बत से दुनिया में
कुछ बढ़कर होता भी नहीं
दौलत जाऐ तो जाऐ कोई
प्यार बिना, रोता भी नहीं
ऐशो मसर्रत नई चईए मुहो
ऐशो मसर्रत नई चईए
तेरे नाम का सहारा काफ़ी है
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
प्यार तो हे एहसास जहाँ का
पर वो जीते बीएस जो हारे
खेल नहीं कोई शर्त नहीं
एक आग तो हे जलता जाए
ताज हकूमत नहीं चाहिए
मुझे ताज हकूमत नहीं चाहिए
तेरे नाम का सहारा काफी हे
दौलत शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का खहारा काफ़ी है
ये महल अटारी नही चईये
तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है
दौलत शोहरत क्या करनी
क्या करनी
क्या करनी