Tu Kahan

Ravi Chopra

बादल की पलकें पल पल क्यूँ चल के
समझेगा न ये ज़माना
आजा हवाओं के दामन पे चल के
आसान हो साँसों का आना
हो ओ आसान हो साँसों का आना
तेरी जान से बंधी मेरी जान
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ

बादल है बारिश है बादल है बारिश है
गुमशुदा हिअ तेरे गुलनिशां
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ

हा आ आ आ आ हा आ आ आ आ आ आ आ आ
हा आ आ आ आ हा आ आ आ आ आ आ आ आ
बादल के पहलों में घुलने लगी है
एक बावरी सी बदरिया
चाहत के दरिया में घुलने लगी है
मोहब्बत की मीठी सी नदियां
मोहब्बत की मीठी सी नदियां
फ़ासले अब भला कहाँ
तू जहाँ मैं वहां तू जहाँ
तू जहाँ मैं वहां तू जहाँ

हाँ तुम लौट आये तोह गुमसुम घटायें
फिर गुनगुनाने लगी है
बुझती हुयी ये बारिश की बूँदें
फिर जगमगाने लगी है
हो फिर जगमगाने लगी है(हो फिर जगमगाने लगी है)
यु ही रहना सदा मेहबान
हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ
हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हा आ आ आ आ आ आ आ आ

बरखा का बादल से
बरखा का बादल से
कर सकेगा न जुदा न जहाँ
हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ हाँ रे हाँ

Curiosidades sobre la música Tu Kahan del Javed Ali

¿Quién compuso la canción “Tu Kahan” de Javed Ali?
La canción “Tu Kahan” de Javed Ali fue compuesta por Ravi Chopra.

Músicas más populares de Javed Ali

Otros artistas de Pop rock