Raahi
राही अकेला चला
राही अकेला चला इस दुनिया में
राही अकेला चला
राही अकेला चला इस दुनिया में
राही अकेला चला
गम के मौसम दो पल के हैं
गम के मौसम दो पल के है
बाकी के पल जी जरा
राही अकेला चला
राही अकेला चला इस दुनिया में
राही अकेला चला
एक ओ सौ मीलो दूरियों की हो
हो जुबा पे है कहानियां
कभी लगे के जैसे शिरी हो
हो कभी कभी रुबाइयां
ये जिंदगी है कहती
चले चलो यूं ऐसे ही
रंग से भरी रोशनी दिखे
कैफियत के पल कृष्णागी भरे
तू जीने जरा
गम के मौसम दो पलके हैं
गम के मौसम दो पलके हैं
बाकी के पल जीले जरा
राही अकेला चला
राही अकेला चला इस दुनिया में
राही अकेला चला
गम के मौसम दो पल के है
गम के मौसम दो पल के है
बाकी के पल जीले जरा
राही अकेला चला
राही अकेला चला इस दुनिया में
राही अकेला चला