Kaisi Ye Dor
Sanjay Mishra
कैसी ये बेबसी है हम धम कहीं मिलता नहीं
कैसी ये दिल लगी है हम धम कोई मिलता नहीं
सपने सजाए थे हमने, सपने वो टूट गए
आपने बनाये थे हमने, आपने वो छूट गए
ये जो सिसकने की आवाज़ आई है
कोई दिल टूट गया होगा
किसी का हम सफर यूँ ही
राह में छूट गया होगा
इश्क़ तुम हो मेरा, जान वो भी हो मेरी
साँसें वो हैं मेरी, धड़कन तुम हो मेरी
घरोंना जो बनाया था, सपनों को पिरोकर
एक आधी से टूट गया
आँखें रेह रेह कर मेरे, या भराई हैं
कोई दिल टूट गया होगा
किसी का हम सफर यूँ ही
राह में छूट गया होगा
कैसी ये डोर है
कैसी ये डोर है
कैसी ये डोर है