Chota Sa Ghar

Mann Composed

खोलेगी जब तूयूँ ज़ुल्फ़ों को तेरी, तभी शाम होगी मेरी
ये शाम तो क्या, सभी शामें मेरी बस नाम होंगी तेरी
हाथों में मेरे तेरा हाथ हो,ख़्वाहिश यही दिल करता रहे
छोटा सा घर हो, हल्की सहर हो, और साथ में बैठेबैठेहम हों
तूमुस्कुराए जो मैं गुनगुनाऊँ, ना दूरदू तक कोई ग़म हो
झील सी तेरी-मेरी, मेरी-तेरी, तेरी-मेरी ज़िंदगी बहे
जाम सी तेरी-मेरी, मेरी-तेरी, तेरी-मेरी ज़िंदगी चढ़े

आँखें मूँदे तुझको ढूँढूँ अगर भी जो, आसानी से ढूँढ लूँ
बातों से निकले तेरे हर इक लफ़्ज़ों को भी जैसेजै सेमैं चूम लूँ
हर लम्हा अपना हँस के सुनाए जैसेजै सेकोई दास्ताँ
छोटा सा घर हो, हल्की सहर हो, और साथ में बैठेबैठेहम हों
तूमुस्कुराए जो मैं गुनगुनाऊँ, ना दूरदू तक कोई ग़म हो
झील सी तेरी-मेरी, मेरी-तेरी, तेरी-मेरी ज़िंदगी बहे
जाम सी तेरी-मेरी, मेरी-तेरी, तेरी-मेरी ज़िंदगी चले झील सी ज़िंदगी बहे

Curiosidades sobre la música Chota Sa Ghar del Javed Ali

¿Quién compuso la canción “Chota Sa Ghar” de Javed Ali?
La canción “Chota Sa Ghar” de Javed Ali fue compuesta por Mann Composed.

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