Tum Baithe Ho Lekin

JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR

तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ

आने वाले लम्हे से दिल सहमा है
आने वाले लम्हे से दिल सहमा है
तुमको भी डरते घबराते देख रहा हूँ
तुमको भी डरते घबराते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ

कब यादों का ज़ख्म भरे कब दाग मिटे
कब यादों का ज़ख्म भरे कब दाग मिटे
कितने दिन लगते हैं भुलाते देख रहा हूँ
कितने दिन लगते हैं भुलाते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ

उसकी आँखों में भी काजल फैला है
उसकी आँखों में भी काजल फैला है
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ

Curiosidades sobre la música Tum Baithe Ho Lekin del Jagjit Singh

¿Cuándo fue lanzada la canción “Tum Baithe Ho Lekin” por Jagjit Singh?
La canción Tum Baithe Ho Lekin fue lanzada en 2004, en el álbum “Tum Baithe Ho Lekin”.
¿Quién compuso la canción “Tum Baithe Ho Lekin” de Jagjit Singh?
La canción “Tum Baithe Ho Lekin” de Jagjit Singh fue compuesta por JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR.

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