Seene Mein Sulagte Hain [Lofi]

ANIL BISWAS, DEEPAK PANDIT

सीने में सुलगते हैं अरमां
सीने में सुलगते हैं अरमां
आँखों में उदासी छाई है
ये आज तेरी दुनिया से हमें
तक़दीर कहाँ ले आई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

कुछ आँख में आँसू बाकी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं
जो मेरे ग़म के साथी हैं

अब दिल हैं ना दिल के अरमां हैं
अब दिल हैं ना दिल के अरमां हैं
बस मैं हूँ मेरी तन्हाई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

न तुझसे गिला कोई हमको
ना कोई शिकायत दुनिया से
दो चार कदम जब मन्ज़िल थी
दो चार कदम जब मन्ज़िल थी
क़िस्मत ने ठोकर खाई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

इक ऐसी आग लगी मन में
जीने भी ना दे मरने भी ना दे
चुप हूँ तो कलेजा जलता है
चुप हूँ तो कलेजा जलता है
बोलूँ तो तेरी रुसवाई है
सीने में सुलगते हैं अरमां
आँखों में उदासी छाई है
ये आज तेरी दुनिया से हमें
तक़दीर कहाँ ले आई है
सीने में सुलगते हैं अरमां

Curiosidades sobre la música Seene Mein Sulagte Hain [Lofi] del Jagjit Singh

¿Quién compuso la canción “Seene Mein Sulagte Hain [Lofi]” de Jagjit Singh?
La canción “Seene Mein Sulagte Hain [Lofi]” de Jagjit Singh fue compuesta por ANIL BISWAS, DEEPAK PANDIT.

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