Saqiya Hosh Kahan Tha
आंख को जाम समाज
बैठा था अंजाने में
आंख को जाम समाज
बैठा था अंजाने में
साकिया होश कहां था
तेरे दीवाने में
जाने किस बात की उनको है
शिकायत मुझसे
जाने किस बात की उनको है
शिकायत मुझसे
नाम तक जिन्का नहीं है
मेरे अफसाने में
साकिया होश कहां था
तेरे दीवाने में
दिल के टुकड़ो से तेरी याद की
खुशबू ना गई
दिल के टुकड़ो से तेरी याद की
खुशबू ना गई
हुए मैं बाकी हैं टूटे हुए
पैमानों में
साकिया होश कहां था
तेरे दीवाने में
दिल-ए-बरबद में
उम्मीद का आलम क्या है
दिल-ए-बरबद में
उम्मीद का आलम क्या है
तिमतिमती हुई इक
शम्मा है वीराने में
साकिया होश कहां था
तेरे दीवाने में