Rukh Se Parda [Live]

ANWAR MIRZAPURI, TALAT AZIZ

म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा
है जो बेहोश वो होश में आयेगा
है जो बेहोश वो होश में आयेगा
गिरनेवाला है जो वो संभल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा

तुम तसल्ली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो
वक़्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो
तुम तसल्ली ना दो सिर्फ़ बैठे रहो
वक़्त कुछ मेरे मरने का टल जायेगा
क्या ये कम है मसीहा के रहने ही से
मौत का भी इरादा बदल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे ज़रा साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जायेगा
रुख़ से परदा उठा दे

Curiosidades sobre la música Rukh Se Parda [Live] del Jagjit Singh

¿Cuándo fue lanzada la canción “Rukh Se Parda [Live]” por Jagjit Singh?
La canción Rukh Se Parda [Live] fue lanzada en 2008, en el álbum “Khamoshi”.
¿Quién compuso la canción “Rukh Se Parda [Live]” de Jagjit Singh?
La canción “Rukh Se Parda [Live]” de Jagjit Singh fue compuesta por ANWAR MIRZAPURI, TALAT AZIZ.

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