Na Mohabbat Na Dosti

SUDARSHAN FAKIR, KULDEEP SINGH

ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही
दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही
इस ज़माने की बेरुखी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

कल जवानी का हश्र क्या होगा
कल जवानी का हश्र क्या होगा
सोच ले आज दो घड़ी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
सोच ले आज दो घड़ी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ
हर कोई प्यार ढूँढ़ता है यहाँ
अपनी तनहा सी ज़िंदगी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

वक़्त के साथ साथ चलता रहे
वक़्त के साथ साथ चलता रहे
यही बेहतर है आदमी के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए
ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए
वक़्त रुकता नही किसी के लिए

Curiosidades sobre la música Na Mohabbat Na Dosti del Jagjit Singh

¿Cuándo fue lanzada la canción “Na Mohabbat Na Dosti” por Jagjit Singh?
La canción Na Mohabbat Na Dosti fue lanzada en 2008, en el álbum “Dard-E-Jigar”.
¿Quién compuso la canción “Na Mohabbat Na Dosti” de Jagjit Singh?
La canción “Na Mohabbat Na Dosti” de Jagjit Singh fue compuesta por SUDARSHAN FAKIR, KULDEEP SINGH.

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