Kabhi Kabhi Yun Bhi Humne

Nida Fazli

कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है

कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है

हमसे पूछो इज़्ज़त वालों की इज़्ज़त का हाल कभी
हमसे पूछो इज़्ज़त वालों की इज़्ज़त का हाल कभी
हमने भी इस शहर में रह कर थोड़ा नाम कमाया है
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है

उससे बिछड़े बरसों बीते लेकिन आज न जाने क्यों
उससे बिछड़े बरसों बीते लेकिन आज न जाने क्यों
आँगन में हँसते बच्चों को बे-कारण धमकाया है
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है

कोई मिला तो हाथ मिलाया कहीं गए तो बातें की
कोई मिला तो हाथ मिलाया कहीं गए तो बातें की
घर से बाहर जब भी निकले दिन भर बोझ उठाया है
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है
कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है

Curiosidades sobre la música Kabhi Kabhi Yun Bhi Humne del Jagjit Singh

¿Quién compuso la canción “Kabhi Kabhi Yun Bhi Humne” de Jagjit Singh?
La canción “Kabhi Kabhi Yun Bhi Humne” de Jagjit Singh fue compuesta por Nida Fazli.

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