Badla Na Apne Aapko

Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh

बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबीई रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे

दुनिया ना जीिट पाओ तो हारो ना खुद को तुम
दुनिया ना जीिट पाओ तो हारो ना खुद को तुम
थोड़िई बहुत तो ज़हन में नाराज़गिइ रहे
थोड़िई बहुत तो ज़हन में नाराज़गिइ रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे

अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी क़ारीब रहे दूउर ही रहे
हम जिसके भी क़ारीब रहे दूउर ही रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे

गुज़रो जो बाग से तो दुआ माँगते चलो
गुज़रो जो बाग से तो दुआ माँगते चलो
जिसा में खिले हैं फ़ुउल वो डालीी हारिी रहे
जिसा में खिले हैं फ़ुउल वो डालीी हारिी रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबीई रहे
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे
जो थे वही रहे जो थे वही रहे

Curiosidades sobre la música Badla Na Apne Aapko del Jagjit Singh

¿Quién compuso la canción “Badla Na Apne Aapko” de Jagjit Singh?
La canción “Badla Na Apne Aapko” de Jagjit Singh fue compuesta por Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh.

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