Aaj Hum Bichade Hai

JAGJIT SINGH, SAHID KABIR

आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए
मेरी आँखें सुर्ख़ थी, हाथ पीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए

कब की पत्थर हो चुकी थी, मुंतज़िर आँखें मगर
कब की पत्थर हो चुकी थी, मुंतज़िर आँखें मगर
छूके जब देखा तो मेरे हाथ गीले हो गए
छूके जब देखा तो मेरे हाथ गीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए

जाने क्या एहसास साज़-ए-हुस्न के तारों में है
जाने क्या एहसास साज़-ए-हुस्न के तारों में है
जिनको छूते ही मेरे नग़मे रसीले हो गए
जिनको छूते ही मेरे नग़मे रसीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए

अब कोई उम्मीद है शाहिद, न कोई आरज़ू
अब कोई उम्मीद है शाहिद, न कोई आरज़ू
आसरे टूटे तो जीने के वसीले हो गए
आसरे टूटे तो जीने के वसीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए
मेरी आँखें सुर्ख़ थी, हाथ पीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए
म्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

Curiosidades sobre la música Aaj Hum Bichade Hai del Jagjit Singh

¿Cuándo fue lanzada la canción “Aaj Hum Bichade Hai” por Jagjit Singh?
La canción Aaj Hum Bichade Hai fue lanzada en 2006, en el álbum “Love Is Blind”.
¿Quién compuso la canción “Aaj Hum Bichade Hai” de Jagjit Singh?
La canción “Aaj Hum Bichade Hai” de Jagjit Singh fue compuesta por JAGJIT SINGH, SAHID KABIR.

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