Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak

Mirza Ghalib

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक
कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक

आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
दिल का क्या रंग करूँ खून-ए-जिगर होने तक

हम ने माना के तगाफ़ूल न करोगे लेकिन
हम ने माना के तगाफ़ूल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएंगे हम तुम को खबर होने तक
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक

ग़म-ए-हस्ती का असद किससे हो जुज़-मर्ग-ए-इलाज
ग़म-ए-हस्ती का असद किससे हो जुज़-मर्ग-ए-इलाज
शम्मा हर रंग में जलती है सहर होने तक
आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरे ज़ुल्फ़ के सर होने तक

Curiosidades sobre la música Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak del Jagjit Singh

¿Quién compuso la canción “Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak” de Jagjit Singh?
La canción “Aah Ko Chaahiye Ik Umr Asar Hone Tak” de Jagjit Singh fue compuesta por Mirza Ghalib.

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