Tum Jo Huye Mere [Classic Revival]

MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR

तुम जो हुये मेरे
हमसफ़र रस्ते बदल गए
लाखो दिए मेरे प्यार
की राहों में जल गए

तुम जो हुये मेरे
हमसफ़र रस्ते बदल गए
लाखो दिए मेरे प्यार
की राहों में जल गए

क्या मंज़िले क्या करावा
बाहों में तेरी है सारा जहाँ

आ जाने जा चाल ते वह
मिलते जहा है ज़मी आसमां

मंज़िल से भी कही दूर हम
आज निकल गए
लाखो दिए मेरे प्यार की
राहों में जल गए

आया मज़ा लिया नशा
तेरे लबों की बहरो का रंग

मौसम जवा साथी हँसि
उस पे नज़र के इशारो का रंग

जितने भी रंग थे सब
तेरी आँखों में ढल गए
लाखो दिए मेरे प्यार
की राहों में जल गए

तुम जो हुये मेरे
हमसफ़र रस्ते बदल गए
लाखो दिए मेरे प्यार
की राहों में जल गए

हम्म हम्म हम्म
आ आ हाँ आ आ हाँ

Curiosidades sobre la música Tum Jo Huye Mere [Classic Revival] del Geeta Dutt

¿Cuándo fue lanzada la canción “Tum Jo Huye Mere [Classic Revival]” por Geeta Dutt?
La canción Tum Jo Huye Mere [Classic Revival] fue lanzada en 2004, en el álbum “12 O Clock”.
¿Quién compuso la canción “Tum Jo Huye Mere [Classic Revival]” de Geeta Dutt?
La canción “Tum Jo Huye Mere [Classic Revival]” de Geeta Dutt fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, ONKAR PRASAD NAYYAR.

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