Ik Roz Bichadne Waalo Ka
इक रोज बिछड़ने वालो का
इक रोज बिछड़ने वालो का
सब तक हिलमिल कर गुजर चले
इस दिन से मिले इस दिन से छिड़े
वो उधर चले हम इधर चले
वो भूल गयी बीती बाते
बीती राते है याद हमे
वो भूल गयी बीती बाते
बीती राते है याद हमे
हम तुमसे नज़र मिलके भी
उनकी नज़ारो से उतार गये
वो उधर चले हम इधर चले
मूह दिखलाकर मूह मोड़ गये
दिल ले के दिल ये तोड़ गये
मूह दिखलाकर मूह मोड़ गये
दिल ले के दिल ये तोड़ गये
आबाद रहे उनकी गलियाँ
आबाद रहे उनकी गलियाँ
हम धोकर अपनी नज़र चले
वो उधर चले हम इधर चले
जब आस गयी आसरा गया
जीने की तमन्ना नही रही रही नही
कुछ आस रहे कुछ साथ रहे
कुछ आस रहे कुछ साथ रहे
हर सीने पे उनकी नज़र चले
वो उधर चले हम इधर चले