Dur Desh Se Koyee Sapera Aaya
दूर देश से कोई सपेरा आया
दूर देश से कोई सपेरा आया
गीत क्या गया लिया मॅन च्चीं रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
साँवरिया तेरे रंग मे रंग के
साँवरिया तेरे रंग मे रंग के
हो गयी मई तो सँवरी
पी के पीछे डोलूँगी पी के पीछे डोलूँगी
बनके बैरगान बनवारी तड़पूंगी मैं दिन रात
तड़पूंगी दिन रत जो छ्चोड़ आ साथ
ज्यों जल बिन मीं रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
कैसा च्छेदा गीत रे तूने कैसा च्छेदा गीत रे तूने
मई अपनापन भूल रही कभी है धरती
कभी है धरती कभी गगन है
ऐसा झूला झूल रही
साज के जगत की लाज साज के जगत की लाज
हुई मई आज तेरे अधीन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
दूर देश से कोई सपेरा आया
गीत क्या गया लिया मॅन छीन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे
मीठी मीठी जादू की बजाए कोई बिन रे