Chup Ham Bhi Rahe Chup Woh Bhi

K Razdan

चुप हम भी रहे, चुप वो भी रहे
फरियाद जबा पर ला न सके
दुनिया ने रस्ता रोक लिया
हम जा ना सके, वो आ ना सके
अब कौन सुने रोते हुए दिल का फसाना
बेदर्द जमाना बड़ा बेदर्द जमाना
अब कौन सुने रोते हुए दिल का फसाना
बेदर्द जमाना बड़ा बेदर्द जमाना

अपनो से शिकायत हैं, ना गैरो से गीला हैं
दुख दर्द के मरो से, खुदा तक भी खफा हैं
तकदीर मे दिन रात का, रोना ही लिखा हैं
हँसना भी हैं अपने लिए, रोने का बहाना
बेदर्द जमाना बड़ा बेदर्द जमाना

क्यू हम से खुशी छीन ली, इतना तो बता दे
क्या हमने ख़ाता की हैं, जो तू इतनी सज़ा दे
इससे तो ये अच्छा हैं, हमे ज़हर पीला दे
कब तक बनेंगे ज़ुल्म के, तिरो का निशाना
बेदर्द जमाना बड़ा बेदर्द जमाना

ए प्यार के राही, देखो कुदरत के इशारे
दे ते हैं मोहब्बत की गवाही ये सितारे
हम दूर सही दिल हैं मगर पास तुम्हारे
होगा मिलन कभी ना कभी, भूल ना जाना
भूल ना जाना

Curiosidades sobre la música Chup Ham Bhi Rahe Chup Woh Bhi del Geeta Dutt

¿Quién compuso la canción “Chup Ham Bhi Rahe Chup Woh Bhi” de Geeta Dutt?
La canción “Chup Ham Bhi Rahe Chup Woh Bhi” de Geeta Dutt fue compuesta por K Razdan.

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