Ghazal Ke Phool
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो
चमन के हक़ में डुआं कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो
हमारे नगमे बरते हैं बादलो की तरह
हमारे नगमे बरते हैं बादलो की तरह
हमारे नगमे बरते हैं बादलो की तरह
दिलो की प्यास बुझा कर चले हैं हम दोनो
दिलो की प्यास बुझा कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो
हर एक दिल में मोहब्बत की रोशनी होगी
हर एक दिल में मोहब्बत की रोशनी होगी
हर एक दिल में मोहब्बत की रोशनी होगी
कुच्छ इतना प्यार लूटा कर चले हैं हम दोनो
कुच्छ इतना प्यार लूटा कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो
डुआं करो की बुझाए ना वक़्त की आँधी
डुआं करो की बुझाए ना वक़्त की आँधी
डुआं करो की बुझाए ना वक़्त की आँधी
गाज़ल की शम्मा जला कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल की शम्मा जला कर चले हैं हम दोनो
गाज़ल के फूल खिला कर चले हैं हम दोनो