Kaun Tha
इक अंधेरी सी रात, और कुछ कदमों की छाप
आलम की थी प्यारी बात, जैसी अंधेखी सी घटो
कौन था, कहा गया, मुझे मिला, अरमा जगे
सोया मेरा नसीबो
ला ला आ आ ला आ आ आ
ढाला सूरज ढेके, और हवा छू के गुजरे
जलता वो नायब था, असल था याके ख्वाब था
कौन था, कहा गया, मुझे मिला, अरमा जगे
सोया मेरा नसीबो
कौन था, कहा गया, मुझे मिला, अरमा जगे
सोया मेरा नसीबो
कौन था, कहा गया, मुझे मिला, अरमा जगे
सोया मेरा नसीबो
कुछ भी जो अच्छा लगे, और मिले भी जरुरी तो नहीं
सच है पर, है अजीबो
ला ला आ आ ला आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म