Shokh Nazron Se

Kuldeep Singh

शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे
मित्त गयी बेक़ारारी क़रार आ गया
दिल में खुशियों के गुल मुश्कूराने लगे
दिल में खुशियों के गुल मुश्कूराने लगे
जैसे गुलशन में जाने बहार आ गया
शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे

जीतने रहजन में उतने रहबर मिले
जीतने तूफ़ा मिले उतने साहिल मिले
जीतने रहजन में उतने रहबर मिले
जीतने तूफ़ा मिले उतने साहिल मिले
ज़िंदगी के सफ़र में जुनूने काबी
कोई हस्ता हुआ घाम ख़ुसारा गया
शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे

इतनी महृमिया इतनी मायूष्िया
इतनी मजबूरिया इतनी लचारियाँ
इतनी महृमिया इतनी मायूष्िया
इतनी मजबूरिया इतनी लचारियाँ
कितना चाहा मगर फिर भी उठा ना सका
तेरे महफ़िल में जो एक बार आ गया
शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे

जब सहारे मिले जब किनारे मिले
कश्टिया डूब ने को मचल ने लगी
जब सहारे मिले जब किनारे मिले
कश्टिया डूब ने को मचल ने लगी
घाम भूलने के कितने भाने मिले
क्या करे हम को घाम पे भी प्यार आ गया
शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे

रात सोने लगी सुबह होने लगी
गम जो हद से बढ़ा तो खुशी बन गया
रात सोने लगी सुबह होने लगी
गम जो हद से बढ़ा तो खुशी बन गया
वक्ल के आँसू ओ में नहाई हुई
ज़िंदगी पे अजब सा निखार आ गया
दिल में खुशियों के गुल मुश्कूराने लगे
दिल में खुशियों के गुल मुश्कूराने लगे
जैसे गुलशन में जाने बहार आ गया
शोख नज़रों से यूँ उसने देखा मुझे

Curiosidades sobre la música Shokh Nazron Se del Ashok Khosla

¿Cuándo fue lanzada la canción “Shokh Nazron Se” por Ashok Khosla?
La canción Shokh Nazron Se fue lanzada en 2008, en el álbum “Qatra Qatra”.
¿Quién compuso la canción “Shokh Nazron Se” de Ashok Khosla?
La canción “Shokh Nazron Se” de Ashok Khosla fue compuesta por Kuldeep Singh.

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