Zindagi Ko Jab Humara Gham Nahin

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

तू तू रु तू तू रु रु तू तू तू रु तू तू रु रु तू

हम्म्म हम्म्म हम्म्म आ आ आ आ

ज़िंदगी को जब हमारा गम नही
हमको की भी क्यूँ जिंदगी का गम रहे
अरे दम लगे जब तक के दम में दम रहे

दम रहे दम रहे

ज़िंदगी को जब हमारा गम नही

बस यह पल है तेरे पास भूल जा आगे की बात
इसके आगे जो भी है धोका है

पर पर पर पर

आज ही है जिंदगी आज ही है मौत भी
कल कहाँ है कल किसने देखा है

दम लगे जब तक के

दम में दम रहे

दम रहे दम रहे

ज़िंदगी को जब हमारा गम नही
हमको की भी क्यूँ जिंदगी का गम रहे
अरे दम लगे जब तक के दम में दम रहे

दम रहे दम रहे

ज़िंदगी को जब हमारा गम नही

भाउ भाउ भाउ भाउ

चाह क्या कुछ भी नही, प्यार क्या कुछ भी नही
एक नादानी है नादनो की

पर पर पर पर

दुशमनी भी जूठ है दोस्ती भी जूठ है
जूठ सारी बातें इंसानो की
अरे दम लगे जब तक के

दम रहे दम रहे

दम में दम रहे

ज़िंदगी को जब हमारा गम नही
हमको की भी क्यूँ जिंदगी का गुम रहे
ला ला ला ला ला ला ला ला ला

Curiosidades sobre la música Zindagi Ko Jab Humara Gham Nahin del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Zindagi Ko Jab Humara Gham Nahin” de Asha Bhosle?
La canción “Zindagi Ko Jab Humara Gham Nahin” de Asha Bhosle fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN.

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