Tumhen Bhool Jane Ka Haq Hai Magar

HAASAN KAMAL, RAHUL DEV BURMAN

तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर
हमे हक़ मुहब्बत निभाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर
हमे हक़ मुहब्बत निभाने का है
अभी से तुम्हे क्या बताएँ भला
की अंज़ाम क्या इस फसाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर

वफ़ाओं के रिस्ते नही टूटते
यह बंधन बँधे तो नही छूटते
ज़रा यह उन्हे भी बता दे कोई
जिन्हे शोख दामन छुड़ाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर

नज़र में कोई और दिल में कोई
किसी से वफ़ा और किसी पे सितम
हमें तुमसे कोई शिकायत नही
की दस्तूर सारे जमाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर

हमारे लिए थी जो दिल की लगी
किसी के लिए दिल्लगी बन गयी
हमें यूँ हसाया की हम रो दिए
तरीका नया दिल लगाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर
हमें हक़ मुहब्बत निभाने का है
अभी से तुम्हे क्या बताएँ भला
की अंज़ाम भला इस फसाने का है
तुम्हे भूल जाने का हक़ है अगर

Curiosidades sobre la música Tumhen Bhool Jane Ka Haq Hai Magar del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Tumhen Bhool Jane Ka Haq Hai Magar” de Asha Bhosle?
La canción “Tumhen Bhool Jane Ka Haq Hai Magar” de Asha Bhosle fue compuesta por HAASAN KAMAL, RAHUL DEV BURMAN.

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